Facts About Shiv chaisa Revealed
Facts About Shiv chaisa Revealed
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शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
मंत्र महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि
शिव पूजा में सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीप, पुष्प, फूल माला और शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए रखें।
Glory to Girija’s consort Shiva, that's compassionate for the destitute, who usually protects the saintly, the moon on whose forehead sheds its attractive lustre, and in whose ears would be the pendants of your cobra hood.
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
त्रयोदशी more info ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥